पाेषण आहार व स्किम्ड मिल्क पावडर बिना जांच के सीधे अांगनबाड़ियाें काे सप्लाई किया जाता रहा है। यह खुलासा शाहजहांनाबाद स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग की बरखेड़ी परियाेजना के गाेदाम में एक्सपायर्ड सांची स्किम्ड मिल्क पावडर मिलने के बाद शुरू हुई जांच में हुआ है। विभाग के अधिकारी संदेह और आशंका हाेने या शिकायत मिलने पर गुणवत्ता की जांच करने की बात जरूर कह रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले तीन साल में कभी भी पाेषण आहार और स्किम्ड मिल्क पावडर की गुणवत्ता की जांच नहीं की हुई। इससे पहले भी कभी जांच हुई हाेगी, इस संबंध में अधिकारियाें काे जानकारी नहीं है।
एक्सपायर्ड स्किम्ड मिल्क पावडर मिलने के बाद महिला बाल विकास विभाग ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले में बरखेड़ी परियाेजना की सीडीपीओ कीर्ति सिंह के बाद बुधवार काे भारत ट्रांसपाेर्ट एजेंसी के संचालक तालिब तैय्यब काे विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने नाेटिस दिया है। इसमें ट्रांसपाेर्टर से स्किम्ड मिल्क पावडर की सप्लाई अांगनबाड़ी के बजाए गाेदाम पर किए जाने का कारण पूछा गया है।
दो साल से नहीं हुआ गाेदाम का निरीक्षण - महिला बाल विकास विभाग के अफसराें ने बीते दाे साल से शाहजहांनाबाद स्थित पाेषण अाहार गाेदाम का निरीक्षण नहीं किया था। अफसराें ने बताया कि गाेदाम में एक्सपायरी डेट के स्किम्ड मिल्क पावडर रखे हाेने के मामले में वर्ष 2018-19 में पदस्थ रहीं तत्कालीन डीपीअाे उपासना राय से भी पूछताछ की जाएगी। साथ ही विभागीय जांच में भी इस मुद्दे काे शामिल किया जाएगा।
सप्लाई चेन...भोपाल दुग्ध संघ से आंगनबाड़ी तक ऐसे पहुंचता है स्किम्ड मिल्क पावडर
- भाेपाल दुग्ध संघ
- जनपद पंचायत/बीआरसी स्टाेर
- पाेषण आहार गाेदाम
- परियाेजना अधिकारी गाेदाम
- अांगनबाड़ी केंद्र
फरवरी 2018 में 232 बाेरी मिल्क पावडर हुआ था सप्लाई
बरखेड़ी परियाेजना सहित 10 परियाेजनाअाें से जुड़ी 1872 आंगनबाड़ियाें के लिए फरवरी 2018 में 232 बाेरी (प्रत्येक बाेरी में 25 किलाे पाउडर) सांची स्किम्ड मिल्क पावडर सप्लाई हुअा था, जाे जून 2018 की मैन्युफैक्चरिंग एवं अगस्त 2018 की एक्सपायरी का था। इसमें से 25 बाेरी (ढाई क्विंटल) मिल्क पावडर शाहजहांनाबाद स्थित बरखेड़ी परियाेजना के गाेदाम से मंगलवार काे जब्त हुअा है, लेकिन गाेदाम के स्टाॅक रजिस्टर में जून-अगस्त 2018 की एक्सपायरी वाले मिल्क पावडर का रिकॉर्ड दर्ज नहीं हाेने से पूरे सप्लाई सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। इसी तरह सितंबर-नवंबर 2019 की एक्सपायरी वाली स्किम्ड मिल्क पावडर की 220 बाेरी सीधे अांगनबाड़ी काे सप्लाई हुई थी, लेकिन बुधवार काे गाेदाम में सितंबर-नवंबर 2019 की एक्सपायरी वाले मिल्क पाउडर की 4 बाेरी महिला बाल विकास विभाग के अफसराें ने जब्त की हंै।
नियमानुसार हर माह हाेना चाहिए निरीक्षण- महिला एवं बाल विकास विभाग के पीएस अनुपम राजन ने बुधवार काे प्रदेश के सभी परियाेजना अधिकारियाें काे टेक हाेम राशन व सांची स्किम्ड मिल्क पावडर गाेदाम का निरीक्षण हर महीने करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निरीक्षण रिपाेर्ट मुख्यालय भेजने काे कहा। उन्हाेंने बताया कि नियमानुसार परियाेजना अधिकारी व सुपर वाइजर काे हर माह गाेदाम का इंस्पेक्शन करना हाेता है।
पाेषण आहार व स्किम्ड मिल्क पाउडर की सप्लाई सरकारी एजेंसियाें से हाेती है। शासन के अनुबंध के तहत क्वालिटी कंट्राेल जैसे मापदंडों पर मिलने वाले पावडर की जांच की जरूरत नहीं है। -ब्रजेश त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग
गाेदाम में मिले एक्सपायर स्किम्ड मिल्क पावडर मामले में जांच चल रही है। ये मिल्क पावडर बांटा क्याें नहीं गया? जांच रिपाेर्ट आने के बाद दाेषियाें के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -नरेश पाल कुमार, आयुक्त, महिला एवं बाल विकास
सीधी बात - डॉ. केके सक्सेना, सीईओ, भोपाल दुग्ध संघ
प्रश्न : आंगनबाड़ियों को यह मिल्क पावडर कब सप्लाई किया गया था ?
जवाब : यह जो एक्सपायरी डेट दी गई है, उससे ठीक दो माह पहले।
प्रश्न : क्या आपको विभाग की ओर से एक्सपायरी डेट वाले मिल्क पावडर को नष्ट करने के लिए कोई संवाद किया गया था?
जवाब : यह काम हमारा नहीं है। वे हमारे ग्राहक हैं। सप्लाई के बाद उनकी ही जिम्मेदारी बनती है।
प्रश्न : क्या दुग्ध संघ ने एक्सपाइरी डेट वाला मिल्क पावडर सप्लाई किया?
जवाब : संभव ही नहीं। हम मिल्क पावडर केवल सरकार के ऑर्डर पर ही बनाते हैं। हमारे कारखाने में आपको बमुकिश्कल 2-4 किलो ही मिल्क पाउडर मिलेगा।
प्रश्न : हर माह आप कितना मिल्क पावडर सप्लाई करते हैं?
जवाब : 55 टन। ग्रीष्म अवकाश में स्कूलें बंद होने के बाद सप्लाई घटकर 20 टन प्रतिमाह रह जाती है। कई बार मिल्क पावडर कम पड़ जाता है तो हम उज्जैन, जबलपुर और सागर के दुग्ध संघों से मंगाकर सप्लाई करते हैं।