ऐसा कहा जाता है कि सत्ता का नशा सबसे ज्यादा मदमस्त करने वाला होता है। इस नशे के आगे दुनिया के सारे नशे फीके पड़ जाते हैं। महज एक साल तीन महीने के अंतराल के बाद सत्ता पाने की खुशी आज भाजपा नेताओं के चेहरे पर भी खूब चमक रही है। शुक्रवार सुबह 7.30 बजे जब हम भोपाल के ग्रेसेस रिजॉर्ट पहुंचे तो भाजपा के कुछ विधायक योगासन करते दिखे। कुछ सैर कर रहे थे। कुछ रिजॉर्ट की धूप में खड़े थे, लेकिन एक बात सब में कॉमन थी कि सबके चेहरे खिलखिलाए हुए थे। रिजॉर्ट के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ थी। आष्टा, सिहोर, भोपाल के कार्यकर्ता ग्रुप बनाकर आए थे। हर किसी ने केसरिया दुपट्टा गले में डाल रखा था, जिससे यह साबित हो सके कि वह भाजपा का कार्यकर्ता है।
खास बात यह है कि पुलिस भी भाजपा नेताओं के साथ एकदम ऐसा बर्ताव कर रही थी जैसे सत्ता में होने पर करती। पुलिस अधिकारी भी शायद यह भांप चुके थे कि भाजपा सरकार बनाने जा रही है। इसलिए एसपी लेवल तक के अफसर ग्रेसेस के सामने समय पर मौजूद थे और खुद वाहनों को इधर-उधर करवा रहे थे, ताकि नेताजी को किसी तरह की दिक्कत न हो। सुबह 9 बजे के करीब काला चश्मा पहने हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपनी गाड़ी में रिजॉर्ट में एंटर हुए। फिर वो मीटिंग में शामिल हुए। मीटिंग के बाद वो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे के साथ रिजॉर्ट के गार्डन में खड़े दिखे। दोनों के बीच क्या बातचीत चल रही थी, यह तो नहीं पता लेकिन करीब 20 मिनट तक चली इस मुलाकात में विजयवर्गीय ने तीन से चार बार विनय सहस्त्रबुद्धे के हाथ पर हाथ रखते हुए जमकर हंसी-ठिठोली की। मानो जैसे दोनों एक-दूसरे को मप्र में कांग्रेस को धूल चटाने के किस्से सुना रहे हों।
सुबह 11.30 बजे के करीब भाजपा नेताओं का ग्रेसेस रिजॉर्ट में बने शिव मंदिर में जाना शुरू हुआ। शिवराज सिंह सहित पूरे विधायक शिव मंदिर में माथा टेक रहे थे। गुरुवार रात को ही शिवराज सीहोर के हनुमान मंदिर भी पहुंचे थे, लेकिन मीडिया को इसकी सूचना नहीं दी गई थी। इसी दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रसिद्ध गणेश मंदिर पहुंचे थे। खैर हम वापस ग्रेसेस रिजॉर्ट पर आते हैं। 12.30 बजे के करीब भाजपा विधायकों का काफिला रिजॉर्ट से निकलना शुरू हुआ। शिवराज अपने चिर-परिचित अंदाज में चेहरे पर हंसी लिए बस की फ्रंट सीट पर बैठे थे और विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। संजय पाठक ड्राइवर वाले केबिन में ही बैठे थे और हंसते हुए विक्ट्री साइन बना रहे थे। आपको याद दिला दें कि कुछ ही दिनों पहले कमलनाथ सरकार ने पाठक के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया था।
विधायकों की तीन बसों के पीछे कार्यकर्ताओं की गाड़ियां भी लग गईं। सीहोर से लेकर विधानसभा तक कई जगह जनता काफिले की तरफ विक्ट्री साइन दिखाती नजर आई। हर जगह ट्रैफिक रोक दिया गया था। जो प्रशासन कुछ मिनटों पहले कांग्रेस सरकार के आदेश पर काम कर रहा था, उसका व्यवहार भाजपा के लिए बिना किसी आदेश के ही बदलता नजर आ रहा था।